लेखनी कहानी -19-Nov-2022
मुझे प्रीत है ए जिंदगी अलग सी मेरी रीत है।
गुनगुनाते भौरे जैसे कोयल ,चिड़ियों के जैसे गीत हो,
बारिशों की बूंदों में भीगे संग मेरा प्रीत हो
मन भी मेरा मचले जैसे मौसम की अब बीत हो
मुझे प्रीत है ए जिंदगी अलग सी मेरी रीत है
बदलते लोग बादलो से ऐसे व्यक्ति की ना जीत
हो
अश्कों का समुंदर लिए हमसफर से न मीत हो
जिंदगी से हारों जितना ऐसे ही न ही मौत हो
गुमनाम खुद में अपने ही शायरों की गीत हो
पुकारे दुनिया मुझको जितना खुद से मुझको प्रीत है
मुझे प्रीत है ए जिंदगी अलग सी मेरी रीत है।।
अदिति झा
20-Nov-2022 09:09 PM
शानदार
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Raziya bano
20-Nov-2022 11:10 AM
Bahut sundar rachna
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Aliya khan
20-Nov-2022 09:01 AM
कविता का विकल्प चुने ये कहानी का है
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